Marco Trombetti

प्यार

मैंने उद्यमी और एक निवेशक दोनों की तरह, क्यों और कैसे स्टार्टअप के लिए अपने अनुभव को साझा करने की कोशिश की है। हालांकि, कुछ प्रश्न अब भी बाकी हैं। हम क्यों नहीं ख़ुशी और धन दोनों एक साथ जुटा सकते? यह सब करने का अंतिम उद्देश्य क्या है? इन सवालों के जवाब कार्य अनुभव से नही और न ही एक छोटे और साधे जीवन अनुभव से प्राप्त किए जा सकते हैं। मानव होने का क्या मतलब है का उत्तर मानव प्रकृति में पाए जा सकते हैं।

इस पॉइन्ट पर, मेरा अनुभव और तर्क काफी क्षीण होता हुआ जैसे लगता है। अब मेरे पास आपको आफर करने के लिए सिर्फ एक कहानी बची है।

एक युवा के रूप में, मैंने अपने नाना जी के साथ काफी वक्त बिताया, जो केसीडीओ के नाम से काफी मशहूर थे। वह लगातार खाने, मेरी नानी और पोते-पोतियों के बारे में सोचते रहते थे। मेरे नाना जी का जीवन मुश्किल था, पर आश्चर्यजनक रूप से उन्हें इससे काफी ख़ुशी मिलती थी। यह मनोभाव ने मुझमें काफी कुतूहल उत्पन्न किया।

मेरे नाना जी एक मधुमक्खी पालक थे। 20 साल की उम्र में, वह इटली के पर्वतीय सैनिकों के अल्पानी हिस्से के रूप में युद्ध के लिए रवाना हुए। उन्होंने एल’अक्विला बटालियन का हिस्सा बन कर रूस के अभियान में हिस्सा लिया था। वह डॉन नदी पर, युद्धभूमि के अग्रभाग में भेजे गए। 1943 की सर्दियों के दौरान, रूसी सेना ने एक सोचा समझा हमला किया जिसने उन्हें आश्रय लेने के लिए मजबूर कर दिया। अल्पीनी ने 15 दिनों तक बर्फ में पैदल मार्च किया। मेरे नाना जी के कई कामरेड की बर्फ में जम कर मृत्यु हो गई । उन्होंने मुझे उन लोगों में से कुछ ऐसो के बारे में बताया जो दीवार से सट कर झुके या बैठे, पर फिर कभी अपनी जगह से हिल भी नही पाए। दुश्मन बलों द्वारा घेरे जाने के दबाव में, उन्हें बिना सोये दिनों तक चलना पड़ा। एक शाम, उनको यक़ीन हो चला कि अब वे ठंड से मरने वाले है, उन्होंने खुद को अपनी पिस्तौल से मारने की कोशिश की, लेकिन उनके जमे हुए हाथों ने उन्हें बचा लिया। वह होल्स्टर से अपनी पिस्तौल तक निकाल नही पाए। उन्होंने मुझे बताया कि कई लोगों का यही विचार था, और कुछ इस में सफल भी हुए। वह 20 साल के एक लड़के ही तो थे।

उन्होंने मुझे कई बार बताया कि मानव मूलतः अच्छे ही होते है, लेकिन कुछ की दुष्टता उन्हें जानवरों में तबदील कर सकती है। उन्होंने मानव और जानवरों के बीच के अंतर के बारे में काफी सारी बातें की। उन्होंने कहा कि मानवता का एक छोटा सा संकेत कपट के किसी भी कार्य से अधिक शक्तिशाली है। वे बच गए क्योंकि एक रूसी महिला उन्हें अपने इज्बा ले गई, उन्हें गर्माहट दी और खाना खिलाया। महिला ने कहा कि उन्होंने उसे अपने बेटे की याद दिला दी, जो दुश्मन के लिए लड़ रहा था। जब वह उनकी देखभाल कर रही थी, तो महिला बहुत रोई क्योंकि उसे उसके बेटे की कोई खबर नही थी। उनके दुश्मन की माँ ने उनका जीवन बचाया।

मेरे नाना जी को किसी को मारे बिना जीवित लौटने पर गर्व था। वह अक्सर मुझे इस तथ्य की याद दिलाते थे और मैं समझता हूँ क्यों।

जब वह अपने शहर लौटे, तो शहर पूरा उजड़ चुका था। जब वे युद्द पर थे, जर्मनों द्वारा उनका शहर उड़ा दिया गया था, जो मित्र राष्ट्रों से दुश्मनों में तब्दील हो गए थे। उन्होंने घर का पुनर्निर्माण किया। मेरी नानी मा से मिलते ही उनकी खुशी ठिकाना ना रहा और जल्द ही मेरे मामा और मेरी माँ का जन्म हुआ। एक भूकंप ने उनके घर को तहस-नहस कर दिया, लेकिन उन्होंने इसे फिर से बनाया। कुछ साल बाद, ठंड ने उनकी सभी मधुमक्खियों और फसल को खत्म कर दिया। इसलिए उन्होंने खदान में काम करने का फैसला किया। 10 साल बाद उनको सिलिकोसिस, एक लाक्षणिक खनिक रोग का निदान किया गया। डॉक्टरों ने घोषित किया कि वे ज्यादा से ज्यादा 3 साल जियेंगे। लेकिन उनके लिए, रूसी आश्रयस्थल की चपेट को सहने के बाद, सिलिकोसिस तो बस एक जुकाम की तरह ही था। वह और 25 साल तक जीवित रहे, अंततः 83 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हुई। मधुमेह के कारण जब उन्हें आँखों से दिखना बंद हो गया और एक पैर नही रहा तब उन्होंने घुटने टेक दिये। मेरे नाना जी जीवन से प्यार करते थे; उनको मरना कतई पसंद नही था।

कठिन जीवन होने के बावजूद, वह खुश थे । उन्होंने हमें यह इस तरह समझाया कि कोई काम जब बढिया तरीके किया जाए तो वह एक इन्सान को समृद्धि, पुरस्कार और संतुष्टि की ओर ले जाती है और जीवन खुशहाल करती है। सालों बाद, रूसी रिट्रीट के दौरान के उनके दो कामरेड मारियो रिगोनी स्टर्न और जिएसेपे प्रिस्को द्वारा व्यक्त किया गया यही विचार दोबारा सुना। अच्छी तरह से किया गया कोई भी काम आपको दिल से खुश करता है। खुशी बनाने का एक सरल नुस्खा।

उनके जीवन के आखिरी वर्षों में, मैं उतनी ही उम्र का था जितनी उनकी युद्ध के दौरान थी। मैंने उनके साथ काफी वक्त बिताया और वह हमेशा मुझे रूस की कहानियां सुनाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि मैं यह जान सकूँ कि वास्तव में जीवन क्या मायने रखता है, इसलिए मुझे उन कटु अनुभवों से गुजरना पडे एसा वह कतई नही चाहते थे। उन्हें यकीन था कि कहानियां अनुभव के रूप में उतनी ही शक्तिशाली थी, लेकिन मुझे लगता है कि वह कुछ करीबी सानिध्य भी चाहते थे और उन्हें पता था कि युद्ध की कहानियां मुझे उनके करीब रखने का सबसे बढिया तरीका था।

आप अच्छी तरह से काम के साथ खुश रह सकते हैं, लेकिन सवाल है क्यों आप नौकरी करते हैं, यह एक गहन समस्या है।

जब मैंने इस बारे में अधिक जानना चाहा, तो उन्हों ने मुझे उन लोगों के अंतिम शब्दों के बारे में बताया जिनको उन्होंने मरते देखा था। बुजुर्गो के आखिरी शब्द नही, बल्कि उनके युवा साथीयों के। उन्होंने मुझे बताया कि मृत्यु हमें असली निष्कर्षों पर आने पर मजबूर करती है, उसे सीमाओं, जातियों या धर्मों के कोई बंधन रोक नही सकते। ये निष्कर्ष इसे अलग करके मानव प्रकृति को समाहित करते हैं।

उन्होंने याद किया कि जब उनके साथियों या उनके रूसी दुश्मनों की मृत्यु होती, तो वे केवल इन दोनों में से किसी एक का ही ज़िक्र करते: अगर वे छोटे लड़के थे, तो वे अपनी माँ से मदद करने के लिए चिल्लाये। वे रोये ‘माँ! मम्मा! ‘अगर वे इतालवी थे, तो ‘मामा! मामा!’ अगर वे रूसी थे। उनका आखिरी विचार उस व्यक्ति के लिए था जो उन्हें दुनिया में लाया था। लोग वही हैं और शब्द की भाषा संबंधी समानता भी, इसने इस बारे में और पुख्ता सबूत प्रदान किये।

लेकिन जिस चीज ने उन्हें सबसे ज्यादा अचंबित किया वह उन लोगों का आखिरी उच्चारण था जिनके छोटे-छोटे बच्चे थे: जो उन्होंने सुना वह उनके बच्चों के नाम ही थे। उनका आखिरी विचार मात्र उनके लिए था। भविष्य के लिए। यह उन लोगों का मदद के लिए बुलावा नही था जैसे अन्यों ने अपनी माँ को गुहार लगाई थी; यह तो उनका ख्याल रखने में सक्षम नही होने पर एक विलाप सा था।

ऐसा लगता है जैसे जीवन दो चरणों में बांटा गया हो: वह अवधि जब आप उन लोगों से प्यार प्राप्त करते हैं जो आपसे बडे होते हैं और वह जब आप आपसे छोटो को देते हो।

आपके बाद वालों के लिए बढिया सा काम करें; यह आपको हमेशा गौरान्वित करेगा।

बड़ी और बढ़िया खोज कि तरफ…