Marco Trombetti

प्रसन्नता

हर इन्सान खुशी का पीछा करता है। हम इसे अलग-अलग नाम देते हैं और हम इसे सभी तरीकों से हासिल करने का प्रयास करते रहते हैं, लेकिन आखिर में हम सभी इसी की तलाश में मसरूफ़ रहते हैं।

हमारा काम ही अक्सर हमारे समय और ऊर्जा का अधिकांश हिस्सा ले लेता है। हैं ना अजीब कि हम पैसे कमाने के लिए काम करते हैं, ताकि हम ख़ुशीयाॅं खरीद सकें। क्यों नहीं सीधे खुशी निर्माण करते?

स्वाभाविक रूप से, जितना संभव हो सके अपने पैसो से आपको खुशी खरीदनी चाहिए। लेकिन आप किस मात्रा में खुशी खरीद सकते हैं इसकी भी सीमा होती है। धन केवल उन चीजों में से एक है जिन्हें हम खुशी के लिए आदान-प्रदान कर सकते हैं। संरक्षण, प्यार, सम्मान और परिकल्पना एक बेहतर भविष्य के लिए कुछ अन्य बढ़िया प्रमाण हैं जिन्हें हम खुशी के लिए आदान-प्रदान कर सकते हैं।

यहां तक ​​कि कई ऐसी कंपनियां जिनके पास भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण परिकल्पना है, वे भी अपने लक्ष्यों में खुशीयाॅं को सम्मिलित करने में विफल रहती हैं।

दुर्भाग्यवश, ऐसी अनगिनत कंपनियां भी हैं जो कभी खुशीयों का निर्माण ही नही करती। वे धन सिर्फ कहीं और से घटाकर जमा करते रहते हैं। वे धन कभी उर्जित करते ही नहीं - वे सिर्फ एक जगह से दुसरी जगह इसे खिसकातें हैं।

ऐसी कंपनियां बनाना आसान है जिनकी सफलता का आधार मानव कमजोरी का लाभ उठाना है और ऐसी कम्पनियाँ बनाना कठिन है जो लोगों को प्रेरित कर अन्य महत्वपूर्ण चीजों को करने में मदद करें। मैं उत्तरवर्ती को बिना शर्त पसंद करता हूँ।

हाल ही में, मैं सोच रहा था कि क्या ऐसी कंपनी बनाना संभव है जिसका लक्ष्य न केवल धन बल्कि खुशी भी पैदा करना हो और यदि कोई ऐसा रास्ता है तो कोई कंपनी इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनुसरण कर सकती है। अगर ऐसा कोई पथ मिल जाता है तो वह मनुष्य जाति के लिए निश्चित रूप से अविस्मरणीय खोज हो सकती हैं।